भगवान शिव को विनाशक क्यों कहा जाता है / why lord shiva is called as destroyer
हम आपको सनातन धर्म से जुड़े सभी बातें और कहानियां बताते हैं जिससे आप सनातन धर्म और इसकी संस्कृति को समझ सके | हमारे ब्लोग्स आपकी मदद करते है खुद को एक बेहतर इंसान बनाने में | हम आपको शास्त्रों और कई किताबों की वोह बातें बताते हैं जो आपको नहीं पता होगी या जिसके पीछे का विज्ञान आप नहीं जानते है |
आप में से बहुत से लोगों ने कई बार शम्भाला के
बारे में सुना होगा और अगर नहीं भी सुना है तोह आज मैं आपको उसके बारे में पूरी
जानकारी देने वाला हों | यह बात कल्कि अवतार और दुनिया के विनाश से भिओ जुड़ी हुई है
और बहुत से लोगों की अलग अलग राय है इस विषय पर |
शम्भाला का मतलब होता है ऐसा स्थान जहाँ सुख हो
| और यह कोई काल्पनिक जगह नहीं है चाइना, तिब्बत, और इंडिया के साथ साथ कई ऐसे देश
है जिनके ग्रंथों में इसके बारे में लिखा गया है | हिंदी धर्म के मुताबिक यहीं पर
विष्णु भगवान का आखिरी अवतार होगा और सभी पापियों का सर्वनाश वही करेंगे | अब बहुत
से लोग यह कहते है की हमें वहां जाना है और चाइना तोह इसकी खोज करने के लिए इतना
व्याकुल है की कई बार वोह इस जगह पर अपनी खास टुकड़ी को भेज कर पता लगाने की कोशिश
कर चुका है
| मगर उसके हाथ कुछ भी नहीं लगा, लोग ऐसा भी कहते है की तिब्बत पर चाइना ने जो आक्रमण
किया था उसकी वजह भी यही थी, मगर आज तक यहाँ पर कोई पहुच नहीं सका | इसके ऊपर एक
किताब भी लिखी जा चिकि है जिसका नाम था “दी लॉस्ट होराइजन” |
अब मैं आपको बतओंगा की यहाँ तक पहुच कैसे जाये, अगर आप शम्भाला जाना चाहते है और उस शहर को देखना चाहते हैं वहां रहना चाहते है तोह आपको मेरी बातें को अची तरह समझना होगा और उसे निभाना होगा |
शम्भाला वही जा सकता है जिसने अपनी इन्द्रियों (सेंसेस)
पर काबू पालिया हो और जो योगी हो, जो मैडिटेशन करता हो, यानि की जिसको न भूक लगे न प्यास न गर्मी लगे न जड़ा
और न ही उसे किसी चीज़ की कामना हो, सिर्फ ऐसा ही आदमी वहां जा सकता है | अब यहाँ
पर बहुत से लोग यह कहेंगे की ऐसा आदमी हो ही नहीं सकता | मगर ऐसा नहीं है बहुत से
लोग आपको आज भी ऐसे मिल जायेंगे जिन्होंने अपनी पूरी ज़िन्दगी सिर्फ भगवान के नाम
करदी और जो इंसानी जीवन को जीने के आलावा और सुख भोगने के अलावा ज्ञान को महत्व
देते है | कुछ लोगों का यह मानना है की यह जगह एक मल्टी डायमेंशनल है, यानि की किसी
और डायमेंशन में है मगर है हमारी धरती पर ही | उनका ऐसा कहना गलत नहीं है, क्योंकि
जो योगी और तपस्वी होते है वोह अपने शरीर से आत्मा को अलग करके साधना में ही कहीं
भी अ अज सकते है स्वर्ग और पाताल भी ऐसे ही जगह पर मौजूद है | ऐसे लोह अपने शरीर
को गायब भी कर सकते है |
आपको यह सारी बातें बहुत बेकार लग रही होंगी
मगर अब मैं आपको एक फैक्ट बताने जा रहा हों | एक बार कुछ रेसेअर्चेर्स ने एक
एक्सपेरिमेंट किया जिसमें बुद्ध धर्म के सन्यासियों को एक बहुत की ठन्डे कमरे में
बैठाया गया और वहां एक पानी से भरी बाल्टी रखी गयी, फिर उनसे उस रूम में मैडिटेशन
करने को यानि की ध्यान लगाने को कहा गया और जब कुछ देर बाद वोह लोग उस रूम में ए
तोह उन्होंने देखा की वोह रूम अपने आप गरम हो चूका था उस कमरे में राखी हुई पानी
की बाल्टी में भी काफी पानी उबल चुका था | तोह यह होती है मैडिटेशन यानि ध्यान
लगाने की ताकत, आप ने भी बहुत बार देखा होगा की जो सन्यासी होते है उन्हें ठण्ड
नहीं लगती वोह कोई गरम कपड़े नहीं पहनते ऐसा सिर्फ इस लिए होता है क्योंकि उन्होंने
अपनी इन्द्रियों को काबू कर लिया होता है |
अगर आप भी ऐसा करेंगे तोह आप भी आराम से संभाला
जा सकते है, तोह संभाला को देखने वाले लोगों ने जो दावे किया हैं वोह बस कहानी है
और कोई भी बिना योगी और सन्यासी बने वहां नहीं जा सकता है, यह बात खुद दलाई लामा
ने कही है, वहां वही जा सकता है जिसकी आत्मा साफ़ हो जिसका मन साफ़ हो, नियत में कोई
खोट न हो फ| और यह सब सिर्फ कृष्ण का नाम लेने से ही होगा, इसलिए अगर मन पर काबू
करना है तोह कृष्ण का नाम जपिए |
जय श्री कृष्ण |
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