भगवान शिव को विनाशक क्यों कहा जाता है / why lord shiva is called as destroyer
हम आपको सनातन धर्म से जुड़े सभी बातें और कहानियां बताते हैं जिससे आप सनातन धर्म और इसकी संस्कृति को समझ सके | हमारे ब्लोग्स आपकी मदद करते है खुद को एक बेहतर इंसान बनाने में | हम आपको शास्त्रों और कई किताबों की वोह बातें बताते हैं जो आपको नहीं पता होगी या जिसके पीछे का विज्ञान आप नहीं जानते है |
भगवत गीता सीरीज का यह तीसरा ब्लॉग है और आज
बहुत ही अच दिन है क्योंकि अब हम श्री कृष्ण की ज्ञान से भरी हुई बातें समझने जा
रहे है | संसार का असली ज्ञान उन्ही की बैटन में है और आज हम वही समझने जा रहे है
| अर्जुन की बैटन का जवाब देते हुए श्री कृष्ण कहते है
तुम्हे
यह अज्ञान कहाँ से मिला ऐसे समय में तुम इतनी अज्ञानता से भरी बातें कैसे कर सकते
हो
तुम्हे
यह कहने से स्वर्ग और प्रतिष्ठा दोनों ही नहीं मिलने वाली है, इसलिए तुम खड़े हो
जयो और अपना
शस्त्र
उठा लो |
अब यहाँ पर मैं आपको जो बताने वाला हों उसे
ध्यान से सुनना, भगवन यहाँ अर्जुन से साफ़ साफ़ कह रहे है की यह साडी बातें सोच कर
तुम्हे कुछ नहीं मिलेगा और तुम कहीं के नहीं रह जाओगे | अगर एक फौजी जुंग का मैदान
छोड़ कर भाग जाये तोह उसे कुछ भी नहीं नसीब नहीं हो सकता है | हम में से बहुत लोग
हर काम से पीछे भागने लगते हैं और सोचते है की हम यह नहीं कर पाएंगे, मगर हमें ऐसा
नहीं सोचना चाहिए क्योंकि अगर हम कोशिश ही नहीं करेंगे तोह समाज हमें यह कहकर हसेगा
की इसने तोह हार मन ली | हर काम से पहले जोकि किसी के लिए नया होता है वोह उसे
करने से पहले यही सोचता है की वोह यह काम नहीं कर सकता और हर जाने से दर जाता है |
मगर परिडाम चाहे जो कुछ भी हो हमें कोशिश करते रहना चाहिए और कभी भी अपने अंदर हीन
भावना नहीं लानी चाहिए | किसी भी काम को करने से पहले ही हम यह बात नहीं कह सकते
की हम उसके लिए बने हैं या नहीं |
उसके बाद अर्जुन अपने भाई और गुरु के खिलाफ युद्ध
करने से से मन करते है , और फिर श्री कृष्ण मुस्कुरा कर कहते हैं की
हे अर्जुन तुम उन लोगों के लिए दुखी हो रहे हो
जोकि इसके लायक नहीं है, जो लोग बुद्धिमान होते है वोह लोग कभी भी किसी के मरने या
जीने पर दुखी नहीं होते |
अब यहाँ पर बहुत से लोग यह सोच रहे होंगे की
कृष्ण ने ऐसा क्यों कहा की आप किसी के लिए रो मत ? इसका जवाब बहुत आसान है क्योंकि
अगर आप किसी के लिए रो रहे हो तोह क्या उससे उसकी समस्या का हल निकल आयेगा | आप यह
सवाल खुद से भी कर के देख सकते हो, बहुत से लोग बस सहानुभूति प्रकट कर देते हैं
किसी के दुःख में मगर उसके दुखों को कम करने के लिए कोई भी मदद नहीं करते | और
बहुत से लोग तोह ऐसी चीज़ों पर दुखी हो जाते है जोकि उनके बस में नहीं है फिर भी उस
चीज़ को लेकर दुखी रहते है | बस वही भगवान यहाँ करने से मन कर रहे है |
भगवान यहाँ पर बेवजह की परवाह करने से मन कर
रहे है और बस अपना काम करने के लिए कह रहे है |
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